Saturday, 13 June 2020

School Play- Forced into Crossdressing 10

It was a really nice feeling to come back to my hometown after so many year's. Nothing have changed the same road the same shops, same building around the roads. But wait no something has changed and the change is that now I am here as a girl and a bride to be more precise not just boy anymore. 

After 1 hr drive we reached at my real sasural. 

I saw a big haveli and so many women have gathering there. Then I realized that my in laws are of a maharaja family and I am the princess of that village as I am the newest bride. 

Then my mother in law while stepping out of the car reminded me that you are a bride and you should cover your face with ghunghat all the time and also all here thinks that I am a girl and no one knows that I am a boy so I should not talk to anyone. 

Then I stepped out of the car with big ghunghat all the ladies were trying to touch my feet it was a great feeling. Then when we entered the palace there were the maharani and maharaj. Mother and father of my father in law. My father in law was the eldest son and he had two more small brother. 

But my father in law did not liked kingdom and all so he left all these and joined the army. Since then he was outside and all kingdom was taken care by maharaj only.

But in childhood only when my father in law became a father and he had a son then maharaj declared him means my husband as the prince of this city and hence I was the princess now. 

Now I came to know why mother was insisting so much and why he cannot deny my mother in law. Because they were from royaln family and we must obey them. 

But still the question in mind remained who is my husband after all... .. .. ..  .  


इतने साल बाद अपने गृहनगर वापस आना वाकई एक अच्छा अहसास था। कुछ भी नहीं एक ही सड़क को बदल दिया है वही दुकानें, सड़कों के आसपास एक ही इमारत। लेकिन रुकिए कुछ भी नहीं बदला है और बदलाव यह है कि अब मैं यहाँ एक लड़की और एक दुल्हन के रूप में हूँ और अब लड़का नहीं हूँ।

1 घंटे की ड्राइव के बाद हम अपने असली सैसुरल पर पहुँचे।

मैंने एक बड़ी हवेली देखी और इतनी सारी महिलाएँ वहाँ जमा हैं। तब मुझे महसूस हुआ कि मेरे ससुराल वाले एक महाराजा परिवार के हैं और मैं उस गाँव की राजकुमारी हूँ क्योंकि मैं सबसे नई नवेली दुल्हन हूँ।

फिर कार से बाहर निकलते समय मेरी सास ने मुझे याद दिलाया कि तुम दुल्हन हो और तुम्हें हर समय घूँघट से अपना चेहरा ढकना चाहिए और यहाँ भी सभी यही सोचते हैं कि मैं एक लड़की हूँ और कोई नहीं जानता कि मैं एक लड़का हूँ इसलिए मैं किसी से बात नहीं करनी चाहिए।

फिर मैं बड़े घूँघट के साथ कार से बाहर निकला, सभी महिलाएँ मेरे पैर छूने की कोशिश कर रही थीं, यह एक बहुत अच्छा अहसास था। फिर जब हम महल में दाखिल हुए तो वहां महारानी और महाराज मौजूद थे। मेरे ससुर की माँ और पिता। मेरे ससुर सबसे बड़े बेटे थे और उनके दो और छोटे भाई थे।

लेकिन मेरे ससुर को राज पसंद नहीं था और इसलिए उन्होंने इन सभी को छोड़ दिया और सेना में भर्ती हो गए। तब से वह बाहर था और महाराज द्वारा केवल सभी राज्य का ख्याल रखा गया था।

लेकिन बचपन में ही जब मेरे ससुर पिता बन गए और उनका एक बेटा हुआ तो महाराज ने उन्हें घोषित किया कि मेरे पति का मतलब इस शहर का राजकुमार है और इसलिए मैं अब राजकुमारी थी।

अब मुझे पता चला कि माँ बहुत जिद क्यों कर रही थी और वह मेरी सास को मना क्यों नहीं कर सकती। क्योंकि वे शाही परिवार से थे और हमें उनका पालन करना चाहिए।

लेकिन फिर भी मन में सवाल बना रहा कि आखिर मेरा पति कौन है… .. ..?

2 comments:

  1. Half in Hindi do it in English dear

    ReplyDelete
    Replies
    1. That is only translation of above english version for the hindi user

      Delete

Affair With neighbour 4

I was fully ready to explore my feminity and become soulmate of Rahul. Once I was completely ready in my wife's lahanga , I ...